मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि आपको यह नहीं पता होगा कि भारतीय टीम में अब एक ऐसा क्रिकेटर खेल रहा है जिसके बाएं पैर पर 5 साल की उम्र में एक बस चढ़ गई थी।
उसके पिता चाहते थे कि उसका बेटा सरकारी नौकरी करे, पर उस खिलाड़ी के अंदर क्रिकेट को लेकर इतना लगाव था कि उसने 13 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था और क्रिकेट अकेडमी के लिए दिल्ली से नोएडा चला गया था।
क्या आप उस क्रिकेटर का नाम बता सकते हैं? चलिए हम आपको उसके बारे में बताते हैं। पैसा ना होने की वजह से उसकी मां ने अपने गहने बेचकर उस से क्रिकेट की किट दिलाई थी, पर उसकी कमजोरियों से बड़ी उसकी काबिलियत थी।
उसने जूनियर क्रिकेट में ही अपना नाम बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन घर में पैसों की तंगी की वजह से वह बीच में ही क्रिकेट को छोड़ने वाला था,
पर मां के सपोर्ट और कोच की गाइडेंस की मदद से उसने डोमेस्टिक क्रिकेट में ही अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया था। उस क्रिकेटर का नाम है ध्रुव जुरल। ध्रुव की बेहतरीन बल्लेबाजी और शानदार विकेट कीपिंग ने सबके दिलों में जगह बना ली थी।
इसके बाद जब ध्रुव को अंडर-19 टीम का कैप्टन बनाया गया, तब अपनी कैप्टंसी के बलबूते उसने इंडिया को एशिया कप जितवा या था।
बेखौफ परफॉर्मेंस के बाद उसे आईपीएल में इंपैक्ट प्लेयर के रूप में चुना गया था, और आखिरकार अब सालों की मशक्कत और इंतजार के बाद ध्रुव जुरल को इंडियन टीम में सेलेक्ट कर लिया गया है। और अभी हाल ही में, उसने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपने अकेले दम पर भारत को टेस्ट मैच जितवाया।
आपका क्या ख्याल है ध्रुव जुरल की इस जर्नी के बारे में? कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें और आपको यह भी बताएगा कि आपको क्या सीखने को मिला।
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