कर्मचारी और पेंशन धारकों के लिए एरिया पेंशन को लेकर बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। जिसके तहत आप सभी लोगों केलिए काॅम्यूटेशन बहाली को लेकर 11 साल को लेकर बहुत बड़ी खुशखबरी निकलकर सामने आई है। जिससे आप लोगों को जानना काफी बेहद ही ऑन है। आप सभी उम्मीदवारों के लिए कर्मचारी और पेंशन धारकों के लिए यह खबर काफी महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ऐसे फैसले को कहा है जो सीआरपीएफ के नियमों के तहत अनिवार्ष सेवा निर्मित देना अधिनियम 1949 के तहत बल पर अनुशासन आत्मक नियंत्रण बना रखने के उद्देश्य अवैध है। आपको बता दे की हेड कांस्टेबल संतोष कुमार तिवारी के ऊपर आरोप था। कि उसने अपने सहकर्मी पर हमला किया था जांच के बाद अधिकारियों को 16 फरवरी 2006 में उसका अनिवार्ष से वह निर्मित दे दी। इसकी व्यवस्थित होकर उसके विभाग में अपीलदार की जिसने 28 जुलाई 2006 को खारिज कर दिया गया। उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका करता को दोषी ठहराते हुए अनिवार्ष सेवा निर्मित के बरकरार रखा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ऐसा नियम बनाती है तो दंड के रूप में अनिवार्य सेवानिवृत् हो या नियम अवैध है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
इलाहाबाद कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि ग्रेजुएट को हक रिटायरमेंट के उम्र पर नहीं बल्कि सेवाकाल के आधार पर तय होता है। या चुका करता हूं उन्हें सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट कॉलेज में शिक्षक थे जो 57 वर्ष की आयु में सेवा सेनानी होने का विकल्प चुना ऐसे में यह लोग 10 वर्ष के लिए हर कार्य सेवा पूरा नहीं करते । वह पेंशन के हकदार नहीं है जब तक वह 60 वर्ष की आयु रिटायर होने के विकल्प नहीं चुनते ऐसे में शासन ठेकेदार में बाहर होने के कारण ग्रेजुएट की बात नहीं था। इसके बाद यह मामला जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पास भेजा क्या जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अपना पक्ष रखते हुए मौजूदा नियम के अनुसार ग्रेजुएट केवल उन्हीं को 60 वर्ष की आयु में रिटायर होने के विकल्प चुना है। इसके बाद मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में गया। जिस पर कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के पास 60 वर्ष की बजाय 62 वर्ष की आयु रिटायर होने के लिए विकल्प है। इसके बाद ग्रेजुएट पानी का अधिकार समाप्त नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि ग्रेजुएट कर्मचारियों को सेवा के वर्षों के नवंबर के आधार पर अर्जित की जाती है। ना की रिटायरमेंट की उम्र पर अर्जित की जाती है।
कम्युटेशन बहाली 11 साल पर
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने काॅम्यूटेशन को लेकर बहुत बड़ा फैसला सुना है। जिसे कोर्ट राम स्वरूप जिंदल के मामले में सुनवाई करते हुए। कम्युनिकेशन की बहाली की अवधि 15 साल से घटकर 11 साल होनी चाहिए। क्योंकि 2006 में ब्याज दर की गिरावट आ रही है। 2010 में 8% की वर्तमान 7% सामने आई है इस प्रकार की गणना काॅम्यूटेशन की वसूली 10 साल से 8 महीने में हो जाती है। इसलिए काॅम्यूटेशन की बहाली 15 साल से घटकर 11 साल किया गया। इस प्रकार पंजाब हरिया हरियाणा हाईकोर्ट ने भविष्य में वसूली पर रोक लगाने की आदेश पारित किए हैं। अगर आप पेंशन भोगी है तो चेक करते हैं तो कुछ उसमें गड़बड़ी है। तो सुधा और हवा के गलत एंट्री होने के कारण आपको गलत पेंशन मिल सकती है। इस तरह के सामने आए तो आप एक पेंशन भोगीतो 117000 का नुकसान हो गया था। काफी संघर्ष के बाद पेंशन अदालत के माध्यम से एरिया के भुगतान हो पाया। फरवरी 2011 को सेवा में रिटायर हुए थे। ऐसे में पीओ को गलत प्रविष्टि के कारण गलत पेंशन मिली हालांकि प्पू और भी वाइस किया किया था। कि लेकिन तारीखों की गलत प्रविष्टि के कारण 21 महीने के बकाए का भुगतान नहीं किया गया। इस प्रकार अगले आपकी में कुछ गड़बड़ी हो तो आप उसको जल्द से जल्द सुधार वाले।
CGHS लाभार्थियों के लिए बड़ी ख़बर
लोकसभा चुनाव में समाप्त होने के बाद पेंशन भोगियों को जून में सीजीएचएस के अतिरिक्त निदेशक के चेंबर घेराव करेंगे। जिसके तहत पेंशन भोगी को संगठनों को मीटिंग रांची जीपीओ प्रांगण में हुई थी। उसमें पेंशन भोगियों के तय हुआ है। कि जून में सीजीएचएस के अतिरिक्त निदेशक के चैंबर घिराव किया जाएगा। पेंशन धारकों को बहुत सारी समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं किया गया है। ऐसे में गस सेंटर पर उनकी कोई भी सुनवाई नहीं है। मेडिकल बिल लंबित है सब मुद्दों को लेकर जून में चेंबर का घेराव किया जाएगा।
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